क्या महत्व होता त्योहारों का
कभी सोचा ही नहीं था
तुमसे मिलकर जाना
क्यों सजती हैं स्त्रियां
क्या होता हैं तीज का त्योहार
जाना अभी की सारा श्रृंगार
तुम्हारे लिए ही तो हैं
अभी सजना अच्छा इसीलिए लगता
हैं की तु हैं तो दिल धड़कता हैं
तू हैं तो साँस आती हैं
तू हैं तो सजना सवारना हैं
तू हैं तो त्योहारों की महक हैं
तू हैं तो मेहंदी की महक हैं
तू हैं तो पायल की छन छन हैं
तू हैं तो मेरा श्रृंगार हैं
तू हैं सब हैं
As your all blogs it is also very heart touching and fantastic. Well written all the feelings of a married woman. Expressed Unspoken feelings very lovingly..❤️
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