हूं में अकेली
क्या इसी लिए थामी थी
तेरी हथेली
जब होते हो तुम आसपास
कैसे होती हु में चहकी हुईं
जब नही होते हो आसपास
तो हो जाती हूं में सहमी सी अकेली सी
क्या थामा था हाथ तेरा
इसीलिए की
छोड़ जाए तू मुझे अकेली सी
क्यों लगता हैं अकेलापन
तुझ बिन
सोचती हूं कई बार में
क्यों आई तेरी में बातों में
क्यों आई में तेरी बातों में
रह रही हूं तेरी यादों में
होता हैं इंतजार तेरे आने का
क्या गुजर जायेगी जिंदगी ऐसे ही
तेरे इंतजार में
क्यों होती हूं में अकेली
कहती हूं में सभी से
मत लगाना मन किसी से
अच्छे हो जैसे हो
रह न पाओगे चाह कर किसी को
Awesome
ReplyDelete