आज में हर रोज़ से थोड़ी जल्दी उठ गई
और बैठी तुमको निहारती
लग रहा था की
कल ही तो तुम आई हो हमारी ज़िंदगी में
परी बनकर एक बहुत ही प्यारी सी परी
जैसे सोनपरी आती थी फ्रूटी से मिलने
तुम्हारे आने की राह तकते थे हम
बहुत वक्त लगाया तुमने आने में
नौ महीने और ग्याराह दिन लगा दिया आने में
और जैसे ही तुम आई डॉक्टर ने कहा
सोनू देख तेरी नन्ही सी दोस्त आई हैं
अभी तक जो दर्द ट्यून सहा हैं सब
वाजिब था देख एक नज़र इसकी तरफ़
डॉ मैमूना ने कहा और तुझको दिख या मुझको
रूम के बाहर तुम्हारी नानीसा(मम्मी) खड़ी थी
तुम्हारे इंतिजार में मैमूना जी ने उनको गले से
लगाया गले से बोला बधाई हो
आपकी दोइती आई हैं
तुम्हारे पापा पंद्र की रात सोए ही नहीं
पहुचना जो था उनको तुम्हारे पास
तुम आई ९:४५ सुबह और तुम्हारे पापा
पहुच गए तुमसे मिलने १:३० बजे
कैसे कैसे पहुंचे वह तुम तक यह तो
जीव जानता हैं उनका
जैसे ही तुमको देखा आँखे भर आई उनकी
हमने जिस कुकरिए की कल्पना की थी
वह आज हमारे सामने थी
एक परी जो स्वर्ग से सीधे
हमारी ज़िंदगी में उतरी थी
और पलक झपकते ही १ साल
की भी होगयी
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